हिमादास(09 जनवरी 2000) एक भारतीय महिला धावक हैं। वे एक किसान की बेटी हैं जो चावल की खेती करते। हिमादास आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला खिलाड़ी में से एक हैं। हिमादास एक भारतीय धावक है।उन्होंने दौड़ स्पर्धा स्वर्ण पदक जीते।
हिमादास को दौड़ स्पर्धा में नंबर वन बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्होने अनेक मुश्किलों को पार करके अपने माता पिता के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन किया। उन्होंने साबित कर दिया किया मुश्किलों को पार करने से ही सफलता मिलती है। हिमादास को स्वर्णपरी भेे कहा जाता है।
पूरा नाम हिमा रणजीत दास
जन्म 09 जनवरी 2000
निवास ढिंग, नगाँव, असम
नागरिकता भारतीय
वजन 55किलो
कद 5 फूट 5इंच
खेल ट्रैक एंड फील्ड
प्रतिस्पर्धा 400मीटर
कोच निपोन
जीवन परिचय
भारतीय महिला धावक हिमादास का जन्म 09 जनवरी 2000 को असम राज्य के नगाँव जिले के कांधूलिमारी नामक गाँव में हुआ था। उनके माता पिता किसान है जो चावल की खेती करते हैं।उनकी माता का जोनाली दास और रणजीत दास है। हिमा दास के कुल चार भाई-बहनों से एक है जो छोटी है। हिमा को फुटबॉल खेलना अच्छा लगता था इसलिए वो स्कूल में लड़कों के फुटबॉल खेला करती थी। अपना कैरियर फुटबॉल में देख रही थीं और भारत के लिए खेलने की उम्मीद कर रही थीं।
हिमादास ने जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक की सलाह पर उन्होंने दौड़ना शुरू किया। शमशुल हक़ ने उनकी पहचान नगाँव स्पोर्ट्स एसोसिएशन के गौरी शंकर रॉय से कराई। फिर हिमा दास जिला स्तरीय प्रतियोगिता में चयनित हुईं और दो स्वर्ण पदक भी उस समय जीतीं।उनमें बहुत अधिक प्रतिभा थी।
उसके बाद जिला स्तर प्रतियोगिता में 'स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर' के निपोन दास की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने हिमा दास के परिवार वालों को हिमा को गुवाहाटी भेजने के लिए मनाया जो कि उनके गांव से 140 किलोमीटर दूर था। उनके घरवालों पहले मना करने के बाद हिमा दास के मान गए। इस तरह हिमादास को मुश्किलों का सामना करना पडा।
एथलेटिक्स का सफ़र
हिमादास का एथलेटिक्स सफ़र मुश्किल से भरा था। उन्हें अपने गांव से 140 किलोमीटर दूर जाने के लिए घरवालों को मनाने पड़ा क्योंकि उन्हें गुवाहाटी जाने के लिए मना कर रहे थे। कोच निपोन ने काफी जिद करके हिमा के परिजनों को मनाया। उनका अपने परिवार को छोड़ना मुश्किल था लेकिन अपने करियर को संवारने के लिए घरवालों को छोड़ना पड़ा। और इस तरह उनकी सफलता का सफ़र शुरू हुआ।
हिमादास आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। 400 मीटर की दौड़ स्पर्धा में 51.46 सेकेंड का समय में भी स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 2018 अप्रैल गोल्ड कोस्ट में खेले गए कॉमनवेल्थ खेलों की 400 मीटर की स्पर्धा में हिमा दास ने 51.32 सेकेंड में दौर पूरी करते हुए छठवाँ स्थान प्राप्त किया था। तथा 4X400 मीटर स्पर्धा में उन्होंने सातवां स्थान प्राप्त किया। गुवाहाटी में हाल ही में हुई अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने जीता था।
जकार्ता में हुए 18वें 2018 एशियाई खेल में हिमा दास ने दो दिन में दूसरी बार महिला 400 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़कर रजत पदक जीता है।अप्रैल 2018 में गोल्ड कोस्ट में खेले गए कॉमनवेल्थ खेलों की 400 मीटर की स्पर्धा में हिमा दास ने 51.32 सेकेंड में दौर पूरी करते हुए छठवाँ स्थान प्राप्त किया था। तथा 4X400 मीटर स्पर्धा में उन्होंने सातवां स्थान प्राप्त किया था। हाल ही में गुवाहाटी में हुई अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने जीता था।
हिमा ने पहला गोल्ड मेडल 2019 में 2 जुलाई को 'पोज़नान एथलेटिक्स ग्रांड प्रिक्स' में 200 मीटर रेस में जीता था. इस रेस को उन्होंने 23.65 सेकंड में पूरा कर गोल्ड मेडल जीता था। 7 जुलाई 2019 को पोलैंड में 'कुटनो एथलेटिक्स मीट' के दौरान 200 मीटर रेस को हिमा ने 23.97 सेकंड में पूरा करके दूसरा गोल्ड मेडल जीता था। 13 जुलाई 2019 को हिमा ने चेक रिपब्लिक में हुई 'क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स' में महिलाओं की 200 मीटर रेस को 23.43 सेकेंड में पूरा कर फिर से तीसरा गोल्ड मेडल हासिल किया था। 19 साल की हिमा ने बुधवार 17 जुलाई 2019 को चेक रिपब्लिक में आयोजित 'ताबोर एथलेटिक्स मीट' के दौरान महिलाओं की 200 मीटर रेस को 23.25 सेकेंड में पूरा कर फिर से चौथा गोल्ड मेडल प्राप्त किया. इस दौरान हिमा अपने रिकॉर्ड (23.10 सेकंड) के बेहद करीब पहुंच गई थी लेकिन वो इसे तोड़ नहीं पाईं। हिमा ने चेक गणराज्य में ही शनिवार 20 जुलाई 2019 में 400 मीटर की स्पर्धा दौड़ में 52.09 सेकेंड के समय में जीत हासिल की. हिमा का जुलाई मास 2019 में मात्र 19 दिनों के भीतर प्राप्त किया गया यह पांचवां स्वर्ण पदक है।
चेक गणराज्य में आयोजित क्लाड्नो एथलेटिक्स में भाग लेने पहुंचीं हिमा दास ने 17 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री राहत कोष में राज्य में बाढ़ के लिए अपना आधा वेतन दान कर दिया। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट कर बड़ी कंपनियों और व्यक्तियों से भी आगे आकर असम की मदद करने की अपील की।
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