Dussehra Festivity।दशहरा उत्सव
हेलो फ्रेंड्स आज हम बात करेंगे दशहरे के बारे में की क्या है दशहरा का महत्व और विजयदशमी की कहानी है ,और रामलीला का आयोजन और साथ ही शमी के वृक्ष का महत्व इस पोस्ट के माध्यम से बताएंगे दशहरा या विजयादशमी की कंप्लीट कहानी तो चलिए शुरू करते है....
Dussehra का महत्व
विजयदशमी हिंदुओं का एक त्यौहार ही है। इसका सांस्कृतिक महत्व है । भारत एक कृषि प्रधान देश है इस समय कृषक की फसल निकल जाती है जिससे वह खरीदी कर नए वस्त्र खरीदता है इस फसल के पैसे से बहुत खुशी होती है। क्योंकि वह मेहनत करके इस फसल को तैयार करता है। और Vijayadashami के दिन इसे त्यौहार के रूप में मनाया जाता है इस दिन लोग बाग अपने घरों में स्थित अपने कामकाज के सामान गाड़ी कृषक अपनी खेती के सामान को को धोकर उनकी पूजा-अर्चना करता है और इस दिन वह मां दुर्गा एवं संबंधित लोगों को सोना चढ़ाने के लिए जाते हो या सोना शमी वृक्ष के पत्ते हैं इसे वे सोना कहते हैं। यह त्यौहार शाम के समय नए-नए वस्त्र पहनकर सोना चढ़ाने के लिए लोग मंदिर जाते हैं और संबंधित लोगों को सोना आदान-प्रदान करते हैं।
Vijayadashami की कहानी
नवरात्रि के 9 दिनों के पश्चात दसवां दिन को विजयदशमी के नाम से जाना जाता है इस दिन भगवान राम ने 14 वर्ष के वनवास के दौरान रावण का वध किया था क्योंकि उन्होंने सीता माता का हरण किया था । क्योंकि रावण सीता माता को वापस नहीं लौटना चाहता था । भगवान राम और रावण के भाई मेघनाथ द्वारा सीता माता को छोड़ने का आग्रह रावन से भी किया फिर भी वह नहीं माने। इसी वजह से भगवान राम और रावण के बीच युद्ध हुआ जिसमें भगवान राम की विजय हुई । युद्ध समाप्ति के पश्चात भगवान राम 14 वर्ष का वनवास पूर्ण करते हुए अयोध्या की ओर प्रस्थान करते हैं इसी उपलक्ष में अयोध्या में दीप उत्सव का आयोजन किया जाता है जिस पूरी अयोध्या में दीप लगाए गई गए थे ।यह भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास वापस लौटने पर गए थे हैं इसलिए इसे दिवाली के रूप में मनाया जाता है दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है।
युद्ध से यह समझ आता है कि बुराई हमेशा बुरा ही होता हैं। अच्छा कर्म करोगे अच्छा फल प्राप्त करेंगे वैसे तो रावण भगवान शिव का उपासक था लेकिन उसकी एक गलती अहंकार ने उसे मृत्यु के मुंह में ढकेल दिया। वैसे तो यह रावण की बहन सूर्पनखा की वजह से हुआ था क्योंकि उसकी नाक काट दी गई थी इसी वजह से उसने अपने भाई रावण को युद्ध के लिए भड़काया था।
इसलिए हमें जो भी फैसले लेने चाहिए वह सोच समझ कर लेना चाहिए दूसरों के बहकावे में आकर कुछ उल्टा सीधा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए जिससे कि आप खुद किसी मुसीबत में ना पढ़ सके।
Ramlila का organized
इस दिन पूरे भारतवर्ष में जगह जगह पर अलग-अलग तरीकों से रामलीला का आयोजन किया जाता है इस रामलीला के आयोजन से समाज में यह संदेश दिया जाता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत होती है और हमें सदा अच्छे कार्य करने चाहिए । इस रामलीला के आयोजन में लाखों लोग जाते हैं यह रामलीला शहरों में गांव में आयोजन किया जाता है और इसमें अनेक लोग हिस्सा लेते हैं और यहां एक त्यौहार की भांति मनाया जाता है इसमें लोग बड़ी उत्साह उमंग से पूरे परिवार के साथ रामलीला को देखने के लिए जाते हैं।
Vijaydashmi 2019 में तो काफी अच्छी देखने को मिली पर 2020 की Vijayadashami के हर्षोल्लास के साथ को मनाने तो मिलेगी और पर आप भीड़ भाड़ वाली प्रोग्राम नहीं कर सकते क्योंकि कोरोना वायरस की महामारी के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तो कृपया आप घर में रहे सुरक्षित रहें।
Shami के tree का महत्व
शमी का वृक्ष पूजनीय होता है, शमी के वृक्ष का धार्मिक महत्व है। शमी के पत्तों को बांटने का यह महत्व है कि इस दिन भगवान राम ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था। और तभी से यहां प्रथा चली आ रही है और रावण दहन और शस्त्र पूजन के साथ-साथ शमी का भी पूजन किया जाता है और यह शमी के पत्ते को देवी मां को भी चढ़ाया जाता है।
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